गढ़वा के राधिका नेत्रालय में ऑटो रिक्शा चालकों के लिए एक निःशुल्क नेत्र जांच और चश्मा वितरण शिविर का आयोजन किया गया। इस आयोजन का उद्देश्य ऑटो चालकों की दृष्टि स्वास्थ्य में सुधार करना और उन्हें आंखों की देखभाल के प्रति जागरूक बनाना था। इस कार्यक्रम का उद्घाटन सदर अस्पताल के सिविल सर्जन डॉ. अशोक कुमार, झारखंड ऑफ्थाल्मिक ऑफिसर्स एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. नागेश्वर प्रसाद सिंह, नेत्र चिकित्सक डॉ. सतेंद्र कुमार, राधिका नेत्रालय की संचालक पायल गुप्ता, डॉ. सुशील कुमार और डॉ. राकेश रंजन ने दीप प्रज्वलित कर किया।
सिविल सर्जन का संदेश: दृष्टि दिवस पर महत्वपूर्ण कदम
सिविल सर्जन डॉ. अशोक कुमार ने 25वें विश्व दृष्टि दिवस के अवसर पर इस आयोजन की सराहना करते हुए कहा कि यह एक सराहनीय पहल है। उन्होंने सभी ऑटो चालकों से आग्रह किया कि वे इस निःशुल्क जांच का लाभ उठाएं। डॉ. अशोक ने राधिका नेत्रालय की प्रशंसा करते हुए कहा कि नेत्र जांच के बाद, जरूरतमंद चालकों को मुफ्त में चश्मे और दवाइयां भी प्रदान की जा रही हैं। इसके अलावा, उन्होंने उपस्थित लोगों को मतदान के महत्व के बारे में जागरूक करते हुए संविधान को मजबूत करने के लिए अपने मताधिकार का उपयोग करने का भी संदेश दिया।
झारखंड में पहल की शुरुआत: सुरक्षित यात्रा के लिए दृष्टि स्वास्थ्य पर जोर
झारखंड ऑफ्थाल्मिक ऑफिसर्स एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. नागेश्वर प्रसाद ने इस पहल की सराहना की और कहा कि इसकी शुरुआत गढ़वा से की गई है। उन्होंने बताया कि जल्द ही इस प्रकार के शिविर झारखंड के अन्य क्षेत्रों में भी आयोजित किए जाएंगे ताकि अधिक से अधिक लोगों को इसका लाभ मिल सके। डॉ. नागेश्वर ने बताया कि वाहन चालकों को हर छह माह में आंखों की जांच अवश्य करानी चाहिए, जिससे उनकी दृष्टि सही बनी रहे और यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके।
संचालक पायल गुप्ता और चिकित्सकों का संदेश: नेत्र स्वास्थ्य का महत्व
राधिका नेत्रालय की संचालक पायल गुप्ता ने सभी अतिथियों का स्वागत करते हुए आंखों की देखभाल के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि दृष्टि में कोई भी समस्या हो, तो उसे हल्के में नहीं लेना चाहिए, क्योंकि यह दैनिक जीवन को प्रभावित कर सकती है। इस मौके पर, डॉ. सुशील कुमार ने भी अपने विचार साझा किए, और ऑटो चालकों को नियमित नेत्र जांच कराने के लिए प्रेरित किया।
उपस्थित गणमान्य और जागरूकता का प्रसार
शिविर में स्थानीय क्षेत्र की कई महत्वपूर्ण हस्तियां भी उपस्थित रहीं, जिनमें मझिआंव से सरोज कुमारी, भवनाथपुर से सोनी कुमारी, धुरकी से प्रकाश कुमार पांडे, और रंका से सत्यप्रकाश कुमार शामिल हैं। इस तरह के प्रयासों से स्थानीय लोगों में नेत्र स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता बढ़ रही है, जो उन्हें स्वस्थ और सुरक्षित जीवनशैली अपनाने में मदद करेगा।
निष्कर्ष: स्वास्थ्य और समाज कल्याण की दिशा में महत्वपूर्ण कदम
राधिका नेत्रालय का यह प्रयास न केवल नेत्र स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता फैलाने का है, बल्कि यह समाज कल्याण की दिशा में एक सराहनीय कदम भी है। ऐसे शिविरों के माध्यम से झारखंड में नेत्र स्वास्थ्य को सुधारने की दिशा में बड़े पैमाने पर प्रयास किए जा सकते हैं। ऑटो चालकों के लिए नियमित नेत्र जांच जरूरी है, जिससे उनकी दृष्टि और यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके। इस प्रकार की पहल भविष्य में और भी अधिक लाभकारी सिद्ध हो सकती है, यदि इसे झारखंड के अन्य जिलों में भी विस्तारित किया जाए।